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1 Jun 2021 · 1 min read

सामान जल्दी लदवा दो

सामान जल्दी लदवा दो

शिक्षक सुंदर सिंह भवन निर्माण सामग्री लेने बाजार गए| गद्दी पर पसरा पड़ा सेठ, सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों को कोस रहा था|
इतनी तनख्वाह लेते हैं, काम कुछ नहीं करते आदी-आदी| जाने क्या-क्या उपमा दे रहा था| निजीकरण का महिमामंडन कर रहा था|
सुंदर सिंह से रहा नहीं गया तो कहने लगा,”करते तो आप भी कुछ नहीं| काम तो सारा आपका कारिंदा करता है| उसका वेतन कम क्यों?”
सेठ सब बातें अनसुनी करता हुआ कारिंदे से बोला,”मास्टर जी का सामान रेहड़ी में जल्दी लदवा दे|”

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
1 Like · 551 Views

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