सामने जब तुम होंगे
कैसा वो मंज़र होगा कैसा वो समा होगा
खुदा मिल जाएगा जब तू मेरे सामने होगा
कुछ ना कह पाऊंगा जब तुझे देखूंगा
तुझे आंखों में उतार कर पलकों से कैद करूंगा
कैसा वो मंज़र होगा कैसा वो समा होगा
खुदा मिल जाएगा जब तू मेरे सामने होगा
कुछ ना कह पाऊंगा जब तुझे देखूंगा
तुझे आंखों में उतार कर पलकों से कैद करूंगा