Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2024 · 1 min read

साधा तीखी नजरों का निशाना

साधा तीखी नजरों का निशाना
************************

साधा तीखी नजरों का निशाना,
बच ना पाया कोई भी दिवाना।

बदहाली में बदली हाल सूरत,
रोगी जैसे हो कोई पुराना।

खोई जीवन में है शान-शौकत,
दर-बेदर होकर खोया ठिकाना।

माना मुश्किल का है दौर आये,
खुद को शिद्द्त से होगा बचाना।

मुद्द्त से देखा है हमनशी को,
यादों का मौसम आया सुहाना।

विछड़े लैला-मजनू,हीर – रांझे,
सदियों से दुश्मन रहता जमाना।

तन – मन से तेरा ही प्यार पाऊँ,
चाहे कोई बन जाए बहाना।

भूली-बिसरी यादें गीत – गजलें,
गम के नजराने हम को सुनाना।

मनसीरत प्रेमी प्यासा पपीहा,
दुश्मन बनता आया है जमाना।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"चुनौतियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
प्रिय गुंजन,
प्रिय गुंजन,
पूर्वार्थ
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
ऐसे जीना जिंदगी,
ऐसे जीना जिंदगी,
sushil sarna
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
DrLakshman Jha Parimal
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
Neeraj kumar Soni
इंसानियत का चिराग
इंसानियत का चिराग
Ritu Asooja
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हंसना रास न आया
हंसना रास न आया
Ashok deep
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
हम सब की है यही अभिलाषा
हम सब की है यही अभिलाषा
गुमनाम 'बाबा'
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
लहर लहर लहराना है
लहर लहर लहराना है
Madhuri mahakash
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
Rituraj shivem verma
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
VINOD CHAUHAN
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
इश्क में आजाद कर दिया
इश्क में आजाद कर दिया
Dr. Mulla Adam Ali
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
मूर्ती माँ तू ममता की
मूर्ती माँ तू ममता की
Basant Bhagawan Roy
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
*प्रणय*
Loading...