“साथ रहेंगे मिलकर दोनों
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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तुम्हारे दिल में ही रहकर ! सभी गम को भूला दूंगा !!
तुम्हारे साथ ही रहकर ! सभी सपने सजा लूँगा !!
तुम्हारे दिल में…………
गुजर जाएंगे दिन अपने ,
हँस हँस बिताएंगे !
रहेंगे साथ हम दोनों ,
हँसी से खिलखिलाएंगे !!
गुजर जाएंगे दिन अपने ,
हँस हँस बिताएंगे !
रहेंगे साथ हम दोनों ,
हँसी से खिलखिलाएंगे !!
तुम्हारी बात को सुनकर! जमाने को भुला दूंगा!!
तुम्हारे साथ ही रहकर !सभी सपने सजा लूँगा !!
तुम्हारे दिल में…………
बहुत हम दूर रहरह के ,
तुम्हारे बिन तड़पते थे !
नहीं था सुध मुझे कोई ,
न मेरे दिन गुजरते थे !!
बहुत हम दूर रहरह के ,
तुम्हारे बिन तड़पते थे !
नहीं था सुध मुझे कोई ,
न मेरे दिन गुजरते थे !!
तुम्हारे पास अब रहकर ! नई दुनियाँ बसा लूँगा !!
तुम्हारे साथ ही रहकर ! सभी सपने सजा लूँगा !!
तुम्हारे दिल में…………
खुशी के क्षण में हमदोनों ,
मिलके खुशियाँ मनाएंगे !
गमों का बोझ ना आए ,
उसे मिल कर उठायेंगे !!
खुशी के क्षण में हमदोनों ,
मिलके खुशियाँ मनाएंगे !
गमों का बोझ ना आए ,
उसे मिल कर उठायेंगे !!
तुम्हारे प्यार की सौगात को ! अपनों में छुपा लूँगा !!
तुम्हारे साथ ही रहकर ! सभी सपने सजा लूँगा !!
तुम्हारे दिल में…………
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
28. 03. 2022.