साथ चाहिए
साथ चाहिए
तन्हाइयों के रास्तों में दुनिया की इस भीड़ में अकेलापन जब रास न आए सबको मीठी बात चाहिए जिंदगी भर का साथी नही अब बस कुछ दिनों का साथ चाहिए !!
नेटवर्किंग के वहम जाल में मन के तार भी उलझ रहे हैं जाने कितने लोग दिनों दिन मिलते मिलते बिछड़ रहे हैं मंजिल तक ही थामे कोई ऐसा कोई हाथ चाहिए जिंदगी भर का साथी नही अब बस कुछ दिनों का साथ चाहिए !!
हसरतें कुछ अपनेपन की अपनी सी हर बात समझ ले कभी जो हर दर्द बांट ले रूठे मन को कभी मना ले पूरा होगा कभी नहीं जो ऐसा कोई ख्वाब चाहिए जिंदगी भर का साथी नही अब बस कुछ दिनों का साथ चाहिए !!
सुबह उठे तो रहे जो हाजिर थक जाऐं जो कभी शाम को कोई हमारा हाल पुछ ले कभी प्यार हो कभी लड़ाई कभी हो गुस्सा कभी मनाए बातो में बस बात चाहिए जिंदगी भर का साथी नही अब बस कुछ दिनों का साथ चाहिए !!
मिलना नहीं है कभी भी उन से हर दिन बस पैगाम चाहिए ओनलाइन की इस दुनिया में अब किसको किसका प्यार चाहिए जिंदगी भर का साथ नही अब बस कुछ दिनों का साथ चाहिए