साथी गर तू साथ निभाए नामुमकिन मुमकिन हो जाये !*******************
साथी गर तू साथ निभाए
नामुमकिन मुमकिन हो जाये !***************************
माना है दो पग की दूरी,
पग भर में ही कर लें पूरी
तेरा मेरा व्यर्थ सभी है
हम हो हम हरषायें
साथी गर तू साथ निभाए
नामुमकिन मुमकिन हो जाये !***************************
मिलन पूर्ण किस्मत का लेखा,
कौन घड़ी कब किसने देखा
कभी मिलन तो कभी जुदाई
आ हम हाथ बढ़ायें
साथी गर तू साथ निभाए
नामुमकिन मुमकिन हो जाये !***************************
कौन रखे कल की अभिलाषा
जीवन है अतृप्त पिपासा,
यौवन घट अमृत जल भर दे,
प्यास तृप्त हो जाये
साथी गर तू साथ निभाए
नामुमकिन मुमकिन हो जाये !***************************