सात अंगना के हमरों बखरियां सखी
हंसे – खेले के रहे, उमिरिया सखी
सात अंगना के, हमरों बखरिया सखी
पढ़े लिखे में बीते, जिंदगानी सखी
बोझ बढ़ते गईल, का बखानी सखी
भरल पुरल खेतवा, दलनिया सखी
मोड़ लेहले समईया, कवन रहिया सखी
सात अंगना के, हमरों बखरिया सखी
रचि रचि के, सजा दा, ई बगियाँ सखी
कबों लागे ना, तोह के नजरियाँ सखी
मन से मनसा पुरादा, बन बहुरियाँ सखी
फिर फूलवा, खिला दा, अंगनयियाँ सखी
सात अंगना के, हमरों बखरिया सखी
धीरज मनवा में, राखियां दुलरूवा सखी
अंगना चहकीं, चिरईयाँ ललनवा सखी
मिली सगरों, जगत के, स्नेहियाँ सखी
झोपड़ी फिर से, बना दा, महलियाँ सखी
सात अंगना के, हमरों बखरिया सखी
हंसे – खेले के रहे, उमिरिया सखी
सात अंगना के, हमरों बखरिया सखी