सात्विक दान
दान सात्विक है वही, जानि न पावे कोय।
दक्षिण कर के दान की, बामहिं खबरि न होय।
बामहिं खबरि न होय, न जाने लेने वाला।
रखे स्वयं को गोय, दान को देने वाला।
कह संजय कविराय, स्वयं गुणगान तामसिक।
देकर दे विसराय , वही है दान सात्विक ।
संजय नारायण