साग
आया मौसम साग का, पोषण से भरपूर।
नित इसका सेवन करें, रोग रहेगा दूर।।१
पालक, चौलाई, चना, सोया, सरसो साग।
सदा स्वस्थ तन को रखे, दौड़े तेज दिमाग।। २
बथुए में लोहा, खनिज , पारा, सोना, क्षार।
औषधीय गुण से भरे, इसके लाभ हजार।। ३
पोषक तत्वों से भरे, साग पूर्ण आहार।
गुणकारी होता बहुत, करता दूर विकार।। ४
चौलाई का साग जो, करता सेवन रोज।
रोग मुक्त काया रहे, मुखड़े पर हो ओज।। ५
चौलाई विष को हरे, विषदन इसका नाम।
काटे बिच्छू संखिया, रस पीते आराम।। ६
दवा रूप में साग है, चौलाई पंचांग।
पात,तना, जड़,फूल,फल,औषधि पांचों अंग।। ७
अमृत रहा हर साग में, नित गिलोय का पात।
दूर रहे उपयोग से, तृषा, दाह, ज्वर, वात।। ८
पालक चौलाई चना, मिलते साग अनेक।
नाम अलग होते मगर, लाभ धर्म सब एक।। ९
रोटी मक्के की मिले, मक्खन से भरपूर।
तब सरसो के साग से, होगा सर्दी दूर।। १ ०