सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
खारा खारा जल कहे, अच्छा नहीं उफान ।।
भावों से नदिया बहे, भाव जगत का मूल
जी ले प्यारे जिंदगी, दुर्लभ यह मुस्कान।।
सूर्यकांत
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
खारा खारा जल कहे, अच्छा नहीं उफान ।।
भावों से नदिया बहे, भाव जगत का मूल
जी ले प्यारे जिंदगी, दुर्लभ यह मुस्कान।।
सूर्यकांत