साकी तेरे शबाब का, चस्का लगा मुझे l
साकी तेरे शबाब का, चस्का लगा मुझे l
साकी तेरी शराब का, झटका लगा मुझे ll
साकी ये शबाब, साकी ये शराब, आगे l
हर रुतवा, हर रुबाब, बस फीका लगा मुझे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
साकी तेरे शबाब का, चस्का लगा मुझे l
साकी तेरी शराब का, झटका लगा मुझे ll
साकी ये शबाब, साकी ये शराब, आगे l
हर रुतवा, हर रुबाब, बस फीका लगा मुझे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”