साईं तेरा हमसफ़र है
साईं तेरा हमसफ़र है
फिर तुझे काहे का डर है
फिर तुझे काहे का…….
भक्ति का है वह उपासक
भक्त ही उसका शिखर है //१.//
फिर तुझे काहे का…….
जिसने भी बाबा को पूजा
वो अजर है, वो अमर है //२.//
फिर तुझे काहे का…….
है दया का साईं सागर
प्रेम ही शिरडी का घर है //३.//
फिर तुझे काहे का…….
साईं से तू लौ लगा ले
जगमगाता प्रेम दर है //४.//
फिर तुझे काहे का…….