सांसो का न टूटे संग ___ (घनाक्षरी)
मनहरण “” जीवन बचाना यह भी अपनाना””
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सांसों का न टूटे संग, करो डर को बैरंग।
बीमारी से लड़ो जंग, हौसला बढ़ाइए।।
घर का ही घोसला, अच्छा भला अपना है।
सपने अपने अब यही पे सजाइए।।
कोई काम हो जरूरी ,जाना ही मज़बूरी हो।
भाई मेरे तब ही तो,बाजारों में जाइए।।
दूर दूर रहकर, करके काम अपना।
जितना जल्दी हो सके,लौटकर आइए।।
राजेश व्यास अनुनय