सांझा चूल्हा4
सांझा चूल्हा जल रहा है क्या गजब की बात है।
प्यार का गुलशन खिल रहा है क्या गलब की बात है
मंदिर पर बैठी है चिड़िया आई मस्जिद घूमकर।
कितनी बातें कर रही हैं इस दुनियां को देखकर ।।
दुनियां कितनी बदल रही है क्या गजब की बात है।
पंडित के घर बेटी आई मुल्ला नाचे झूमकर।
कभी दुलारे कभी खिलाए माथा उसका चूमकर।।
ईद दिवाली मन रही है क्या गजब की बात है।
सबद मधुर हैं गुरुद्वारे के मंदिर में घंटी बज रही।
शमां जली जी गिरजाघर में दुनियां कैसे सज रही।।
वजू बनाके लंगर चक्खा क्या गजब की बात है।
आपस के थे मसले सारे आपस में ही सुलझ गए।
यकीन आया आपस में तो सारी बातें समझ गए।।
भाईचारा बढ़ रहा है क्या गजब की बात है।
नफरत की थीं खड़ी दीवारे प्यार से ही गिर गई।
कुछ हम सुधरे कुछ तुम सुधरे दूरियां भी मिट गईं।।
शिकवे सारे खतम हुए क्या गजब की बात है।
उमेश मेहरा
गाडरवारा एम पी
9479611151