साँसे चलती रहेंगी
ये दिन यूं ही गुजरते रहेंगे
ये शामें यूं ही ढलती रहेगी
मुझको यादों में सलामत रखना
मेरी सांसे चलती रहेगी
ये जमीं मुझको मिल जाये
ये आसमाँ मुझको मिल जाये
मिल जाये जनत्तों का सहर
चाहें खुदा भी मुझको मिल जाये
मग़र फिर भी ऐ हमदम मेरे
कमी तुम्हारी खलती रहेगी
मुझको यादों में सलामत रखना
मेरी साँसे चलती रहेगी
किस्मत का लिखा मोड़ न सकी
मजहब की बेड़ियों को तोड़ न सकी
दो रूहें बट कर रह गई जिस्मों में
जिसे चाहा उससे रिश्ता जोड़ न सकी
मगर तुम्हें पाने की चाहत में
ये रूह यूं ही जिस्म बदलती रहेगी
मुझको यादों में सलामत रखना
मेरी सांसे चलती रहेगी
जीते जी निभा ना सके
मरने के बाद निभा देना
सुनी पड़ी मजार पे मेरी
दो फूल आके चढ़ा देना
ये प्यासी निगाहें मेरी
तुम्हारीं राहें तकती रहेंगी
मुझको यादों में सलामत रखना
मेरी साँसें चलती रहेंगी