** सही कहा **
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता
सख्त हो तो दांत जरूर तोड़ सकता है ।।
मशक्कत इतनी ही कर थकान ना हो तुझको
निकम्मा बन कर बैठा तो मकान कहां बनेगा ।।
क्यों मेरे जिस्म ने मुहब्बत का ताज पहना
ये इश्क की सत्ता है कि सम्भाले नहीं सम्भलती ।।
मुझे ठुकराने से पहले इकबार तो सोच लिया होता
बड़ी मुश्किल से मिलते हैं मुझसे चाहने वाले जहां में ।।
? मधुप बैरागी