सहमत हों सब राज्य मिल
सहमत हो सब राज्य मिल, आवश्यक यह कार्य ।
पूर्ण राष्ट्र भाषा बने, हिन्दी ही स्वीकार्य ।
हिंदी ही स्वीकार्य, राष्ट्र अपना ये माने।
प्रजातंत्र आधार, इसी को दिल से जाने।
कह प्रवीण कविराय, बने संसद में जनमत।
हिंदी को दे मान,राज्य सारे हों सहमत ।