सहमति
एक अबोध बालक
तेरी सह मति मिले तो
तुझसे दोस्ती की चाहत है
ता जिन्दगी भटका किया हूँ
अब रूह से रूह की गुज़ारिश है ।।
जिस्म से जिस्म की दोस्ती
निभाना , नहीं आसान इस जमाने में
रूह से रूह की निभ जाए तो
फ़क़त इतनी ही इबादत है
एक अबोध बालक
तेरी सह मति मिले तो
तुझसे दोस्ती की चाहत है
ता जिन्दगी भटका किया हूँ
अब रूह से रूह की गुज़ारिश है ।।
जिस्म से जिस्म की दोस्ती
निभाना , नहीं आसान इस जमाने में
रूह से रूह की निभ जाए तो
फ़क़त इतनी ही इबादत है