ससुराल (हास्य रस घनाक्षरी)
हास्य रस घनाक्षरी
☘ ससुराल ☘
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सबसे मधुर नहीं होता कोई होटल है
सबसे मधुर नहीं हुआ नैनीताल है
मधुर न पिता और माता भाई-बहने हैं
मधुर न घर चाहे कितना विशाल है
मधुर हैं सास और ससुर के चंद्रमुख
मधुर परोसा हुआ सालियों का थाल है
मिलता न स्वर्ग यह कहीं और दुर्लभ
हुई सबसे मधुर बस ससुराल है
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल .9997615451