सशक्त रचनाएँ न किसी “लाइक” से धन्य होती हैं, न “कॉमेंट” से क
सशक्त रचनाएँ न किसी “लाइक” से धन्य होती हैं, न “कॉमेंट” से कृतार्थ। उनके साथ न्याय “समय” करता है, इंसान नहीं।
😊प्रणय प्रभात😊
सशक्त रचनाएँ न किसी “लाइक” से धन्य होती हैं, न “कॉमेंट” से कृतार्थ। उनके साथ न्याय “समय” करता है, इंसान नहीं।
😊प्रणय प्रभात😊