सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
हम ज़र्रा थे निगाहों में तेरी क्या आते।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
हम ज़र्रा थे निगाहों में तेरी क्या आते।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद