Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2021 · 1 min read

सर्वश्रेष्ठ गीतकार

आज दिल में
बहुत बेकरारी है
आ रही याद
बस तुम्हारी है…
एक मुद्दत से
पी नहीं हमने
थोड़ी बाक़ी
मगर ख़ुमारी है…
ग़ैर होता तो
जाने क्या कर लेता
हमने जिस हाल में
गुजारी है…
आंसू और ख़ून
दोनों से लिखी गई
शायद यह
दास्तान हमारी है…
चाहकर भी अब
हम-तुम मिल नहीं सकते
हाय, कितनी
बड़ी लाचारी है….
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#brokenheart

Language: Hindi
Tag: गीत
248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चाहत
चाहत
Phool gufran
बस यूंही
बस यूंही
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
18 असुध
18 असुध
Lalni Bhardwaj
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बस इसी सवाल का जवाब
बस इसी सवाल का जवाब
gurudeenverma198
Happy independence day
Happy independence day
Neeraj kumar Soni
ख़ामोश मुझे मेरा
ख़ामोश मुझे मेरा
Dr fauzia Naseem shad
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं।
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं।
Manisha Manjari
2989.*पूर्णिका*
2989.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
"बस्तर का बोड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
4) इल्तिजा
4) इल्तिजा
नेहा शर्मा 'नेह'
Success Story -3
Success Story -3
Piyush Goel
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
"रूप" की गली से आरंभ होकर "नर्क" के गलियारे तक का मर्म बताने
*प्रणय*
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
"दोस्त और मुश्किल वक़्त"
Lohit Tamta
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मुस्कराते हुए गुजरी वो शामे।
मुस्कराते हुए गुजरी वो शामे।
अमित
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
जीवन  में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
आभासी खेल
आभासी खेल
Vivek Pandey
Loading...