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4 Dec 2023 · 1 min read

सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।

सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
देखो शीतल बयार अब, रोम-रोम कँपकँपाने लगी।
धुंध की नरम रज़ाई ओढ़ के, सूरज अलसाने लगा।
चाय की गर्म गर्म चुस्कियाँ, थोड़ा और इतराने लगीं।

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