सर्दी
सर्दियों की धूप में बैठ कर कुछ गुनगुनाना,
सूर्य की किरणें सुनहरी कर रहीं दिन सुहाना।
चुस्कियां हैं चाय की संग यादों का तराना,
लग रहा है जैसे हमें मिल गया कोई खजाना ।
-@ वन्दना नामदेव
सर्दियों की धूप में बैठ कर कुछ गुनगुनाना,
सूर्य की किरणें सुनहरी कर रहीं दिन सुहाना।
चुस्कियां हैं चाय की संग यादों का तराना,
लग रहा है जैसे हमें मिल गया कोई खजाना ।
-@ वन्दना नामदेव