Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2022 · 1 min read

सर्दी

सर्दियों की धूप में बैठ कर कुछ गुनगुनाना,
सूर्य की किरणें सुनहरी कर रहीं दिन सुहाना।
चुस्कियां हैं चाय की संग यादों का तराना,
लग रहा है जैसे हमें मिल गया कोई खजाना ।
-@ वन्दना नामदेव

Language: Hindi
349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
रेवा राम बांधे
अपनी कमजोरियों में ही उलझे रहे
अपनी कमजोरियों में ही उलझे रहे
Sonam Puneet Dubey
Safar : Classmates to Soulmates
Safar : Classmates to Soulmates
Prathmesh Yelne
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीता ज्ञान
गीता ज्ञान
Dr.Priya Soni Khare
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
क्रोध...
क्रोध...
ओंकार मिश्र
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
Ravi Prakash
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
Neeraj Mishra " नीर "
पीड़ा किसको चाहिए कौन लखे दुख द्वेष ।
पीड़ा किसको चाहिए कौन लखे दुख द्वेष ।
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चुनाव 2024
चुनाव 2024
Bodhisatva kastooriya
" बे-औकात "
Dr. Kishan tandon kranti
तू रहोगी मेरे घर में मेरे साथ हमें पता है,
तू रहोगी मेरे घर में मेरे साथ हमें पता है,
Dr. Man Mohan Krishna
पत्थर जैसे दिल से दिल लगाना पड़ता है,
पत्थर जैसे दिल से दिल लगाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
पूर्वार्थ
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
Rahul Singh
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
Keshav kishor Kumar
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
चन्द्रमाँ
चन्द्रमाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
■ निर्णय आपका...
■ निर्णय आपका...
*प्रणय*
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
Meenakshi Masoom
ज़िन्दगी गुज़रने लगी है अब तो किश्तों पर साहब,
ज़िन्दगी गुज़रने लगी है अब तो किश्तों पर साहब,
Ranjeet kumar patre
Loading...