सर्दी
ठंडी है आई
निकालो रजाई
ओ! मेरी माई ।१
धुंध ले आई,
परेशानी बढ़ाई,
खामोशी छाई। २
पीड़ा बढ़ाई,
कोहरे घिर आई,
आफ़त लाई ।३
सूई चुभाई,
पवन पुरवाई,
है हरजाई। ४
नानी बनाई,
गुड़ वाली मिठाई,
सबको भाई।५
दादी लजाई,
हाल कड़कड़ाई,
खाती दवाई।६
चाय बनाई,
मस्त चुस्की लगाई,
आनंद पाई।७
बच्चों को भाई,
बजाते शहनाई,
खुशियाँ पाई।८
छुट्टी जो पाई,
अंग-अंग मुस्काई,
धूम मचाई। ९
है अँगनाई,
मौसम सुखदाई,
सर्दी आई ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली