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27 May 2018 · 1 min read

सर्दी आई

दाँत बजाती सर्दी आई
अच्छी लगने लगी रजाई

सफेद चादर कोहरे ने भी
धरती को चहुँ ओर उड़ाई

कोट पुलोवर मफलर टोपी
धूप सुनहरी मन को भाई

गज़क रेबड़ी मेवा सबने
बाजारों में धूम मचाई

बर्फ की तरह ठंडा ठंडा
पानी से डर लगता भाई

हीटर गीजर और अँगीठी
घर घर जलती पड़ी दिखाई

हुआ वही बीमार ‘अर्चना’
जिसने भी ये सर्दी खाई

28-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
416 Views
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