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11 Jul 2021 · 1 min read

सरस्वती वन्दना

शक्ति दे माँ! भक्ति दे माँ!
कर्म से अनुरक्ति दे माँ!!

सृष्टि के हर खण्ड में, अणुखण्ड में है तू समाहित
श्वास में, प्रश्वास में अनवरत तू ही तू प्रवाहित

साधना – आराधना में
भाव की अभिव्यक्ति दे माँ!

गीत महिमा के तेरी गाता रहा है चिर-चिरन्तन
क्या करे अर्पण तुझे यह नेह का याची अकिंचन

दिव्य पावन पूज्य चरणों
में प्रबल आसक्ति दे माँ!

प्रेम, परोपकार, करुणा, ज्ञान से संयुक्त हों हम
मूढ़ता, अज्ञानता, कुविचार से निर्मुक्त हों हम

छल-कपट, विद्वेष, ईर्ष्या
से ‘असीम’ विरक्ति दे माँ!
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 430 Views

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