सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
श्वेत कमलासिनी,मराल पृष्ठ वासिनी माँ,
हिय,तम,ताप,दु:ख,शोक,को निवार दे,
ज्ञान का पीयूष,पुण्य,प्रेम से परोस दे माँ,
ही,में धी,की ज्योति से, विदार अंधकार दे,
बुद्धि में,मनीषा में,माँ,शेमुषी,मती की,धी की,
धीषणा,सकल प्रज्ञावान में निखार दे,
वीणा झंकार दे माँ,विमल विचार दे माँ,
छेड़ स्वर तार दे,हमारी मझ्या शारदे,