सरसी छंद
पूरनमासी पावन दिन हs,
राखी के त्योहार।
बान्हि कलाई राखी भइया,
रक्षा करिहs हमार।।
सावन के ई पावन दिन सब,
भाई बहिन के प्यार।
बाबू बहिनी झगड़ा रगड़ा,
माई करे दुलार।।【1】
माथ प चन्दन थाल में दिया,
मुँहवा में नवनीत।
बहिनी मधुर कंठ से गावे,
राखी के जब गीत।
भइया के छवि मुस्कान करे,
बहिनी के मनमीत।
राखी साल भर पर प आवे,
इहे सनातन रीति।।【2】
पुरखा पुरनिया सब बतावे,
राखी के जज्बात।
रानी हुमायूं के राखी प
देहली उ सौगात।।
जाति पाति के भेद ना रहे,
लिहले बात उ मान।
रानी के जब रक्षा कइके उ,
दिहले राज सम्मान【3】
गणेश नाथ तिवारी”विनायक”