सरफरोश
तूफ़ानों से
जो डर जाएं
वे बच्चे हैं
अब घर जाएं…
(१)
बेमतलब की
ज़िंदगी जीने से
बेहतर यही
हम मर जाएं…
(२)
तो सत्ता क्या
व्यवस्था बदल दें
ज़िद्द पे अगर
हम अड़ जाएं…
(३)
सच के लिए
हाकिम ही नहीं
भगवान से भी
हम लड़ जाएं…
(४)
आग लगा दें
रिवाजों में
इससे पहले कि
ये सड़ जाएं…
(५)
जो रहबर बनें
गुमराहों के
कुछ ऐसे काम
हम कर जाएं…
(६)
बारूद पर बैठी
दुनिया को
प्यार से
हम भर जाएं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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