√√सरकार तुम्हारे हाथों में (भक्ति गीत )
सरकार तुम्हारे हाथों में (भक्ति गीत )
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तुम मालिक हम कठपुतली ,सरकार तुम्हारे
हाथों में
(1)
तुमने हमको जो दिया और जो नहीं दिया
आभारी
देकर जो छीन लिया ,इच्छा नतमस्तक देव
तुम्हारी
हम साँसो की चला-चली ,सरकार तुम्हारे हाथों
में
(2)
हम तो बालक हैं ,हम क्या जानें भला-बुरा क्या
होता
हम हैं अबोध-अनजान मनुज क्यों हँसता है
क्यों रोता
बुरी करो या करो भली ,सरकार तुम्हारे हाथों
में
(3)
पक्षी उड़ते हैं नील-गगन में वन में जीव
विचरते
नदिया बहती है ऊँचे पर्वत से झरने हैं झरते
हर पौधा हर फूल कली ,सरकार तुम्हारे हाथों
में
(4)
हर धड़कन पर ,हर साँस- साँस पर कड़ा तुम्हारा
पहरा
जीवन के कुल सौ वर्ष मिले या पल-भर संशय
गहरा
महाकाल विकराल बली ,सरकार तुम्हारे
हाथों में
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रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश,
मोबाइल 99976 15451