सरकारी खजाने लूट जाते हो?
सिर्फ़ आज भर ही देशभक्ति के चोले ओढ़ते फिरोगे?
गदहों के लोकतंत्र में कल से फिर लूट खसोट के फिराक मे रहोगे?
कहने को तो तुम अवाम के वज़ीर ए आला हो?
सुना देखा की तुम ही सरकारी खजाने लूट जाते हो?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)