“सम्मान होता”
सम्मान होता…
°°°°°°°°°°°°°
वह भी , नही बेईमान होता।
अगर,उसमें भी ईमान होता।
यदि, स्वार्थी नहीं होता कभी,
पाता,जरूर ही सम्मान होता।
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…. ✍️पंकज “कर्ण
………..कटिहार”।।
सम्मान होता…
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वह भी , नही बेईमान होता।
अगर,उसमें भी ईमान होता।
यदि, स्वार्थी नहीं होता कभी,
पाता,जरूर ही सम्मान होता।
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…. ✍️पंकज “कर्ण
………..कटिहार”।।