“सम्मान व संस्कार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में र
“सम्मान व संस्कार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में रहते है लेकिन झूठा अभिमान व अहंकार उसकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाता है। इसलिए सम्मान व संस्कार को जीवित रखे, व्यर्थ का अहंकार न पालें।”
© कुलदीप कुंदन