Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

सम्प्रेषण

सम्प्रेषण

मैंने जब साहब की अमुक सफलता पर मिस्टर ‘च’ को बधाई दी,
तो बात मेरे दोस्त के गले नहीं उतरी.

बोले सफलता तो साहब ने हासिल की,
और बधाई आप ने मिस्टर ‘च’ को दे दी.

जब मित्र ने औचित्य का प्रश्न उठाया,
तो हमने इस में निहित तकनिकी बारीकियों को समझाया.

यदि मैं साहब को बधाई देता,
तो बंधे बंधाए चंद शब्दों में सब कह देता.

अब देखना सही अर्थों में होगा सम्प्रेषण,
क्योंकि मिस्टर ‘च’ की ओर से होगा इसमें नमक मिर्च का मिश्रण.

मिस्टर ‘च’ अपने पास से भी कुछ मिलायेंगे,
और साहब सुन कर गदगद हो जायेंगे.

हर संस्था की तरह हमारे यहाँ भी है,
बाहर की बात अंदर तक पहुँचाने के लिए मिस्टर ‘च’.

यह साहब के लिए हैं सतर्क आँख, नाक और कान,
तभी तो साहब को रह पाता है हर बात का ज्ञान.

जैसे आज अमुक ने चार बार पानी पीया,
अपने तीन बार पानी पीने के अधिकार का अतिक्रमण किया.

यह खबर साहब के पास कहाँ से आई ?
समझ गए ना, मिस्टर ‘च’ अपनी ड्यूटी में करते नहीं कोताही.

जब दोस्त ने अपना माथा सहलाया,
हम समझे वो हमारी बात को समझ नहीं पाया.

लेकिन उन्होंने कहा – आप कहते हो यह सार्थक सम्प्रेषण है,
यह तो सरासर मानव संसाधनों का क्षरण है.

करने वाले भी जानते हैं यह संसाधनों का दुरूपयोग है,
कैसी विडंबना है फिर भी यह व्यापक रोग है.

76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
Phool gufran
#विषय नैतिकता
#विषय नैतिकता
Radheshyam Khatik
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आज कल...…... एक सच
आज कल...…... एक सच
Neeraj Agarwal
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
Nazir Nazar
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये साल भी इतना FAST गुजरा की
ये साल भी इतना FAST गुजरा की
Ranjeet kumar patre
गीत
गीत
Shiva Awasthi
मेंहदीं
मेंहदीं
Kumud Srivastava
"प्यासा"-हुनर
Vijay kumar Pandey
"सुधार"
Dr. Kishan tandon kranti
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
चलते चलते
चलते चलते
ruby kumari
🙅WAR/प्रहार🙅
🙅WAR/प्रहार🙅
*प्रणय*
*क्या देखते हो *
*क्या देखते हो *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
Anis Shah
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
भगवती पारीक 'मनु'
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
अजीब करामात है
अजीब करामात है
शेखर सिंह
2766. *पूर्णिका*
2766. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
यजीद के साथ दुनिया थी
यजीद के साथ दुनिया थी
shabina. Naaz
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
gurudeenverma198
Loading...