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27 Feb 2018 · 1 min read

सम्पदाय हैं बहुत से, अपना अपना ज्ञान, उसे ढूढने के लिए, पढ़े अनेकों ग्रन्थ, उससे मिलना सुलभ है,कोई भी हो पन्थ.

सम्पदाय हैं बहुत से, अपना अपना ज्ञान,
निर्बल को प्रभु मिल सके,उसका रक्खा मान.
उसे ढूढने के लिए, पढ़े अनेकों ग्रन्थ,
उससे मिलना सुलभ है,कोई भी हो पन्थ.

Language: Hindi
161 Views
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