समसामयिक कुण्डलिया छंद:
करिए हस्तक्षेप मत, भले जिन्दगी नर्क.
घातक तीन तलाक है, कर दे बेड़ा गर्क.
कर दे बेड़ा गर्क, औरतें तिल-तिल मरतीं.
चले हलाला साथ, महज उत्पीड़न, डरतीं.
मजहब का यदि नाम, उसी से डरते रहिये.
शरिया का क़ानून, यहाँ भी लागू करिए..
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’