समर्पण
दस्ते नाजुक मुड़ न जाए वज़्न-ए- शमशीर से
कब सए घायल हम हैं तेरी इस नज़र के तीर से।
********************
गर इशारा कर दो तुम जानो दिल कर दें फिदा
हल्फ़नामा ले लें वापस हम दिले जाग़ीर से।
प्रीतम राठौर
श्रावस्ती (उ०प्र०)
दस्ते नाजुक मुड़ न जाए वज़्न-ए- शमशीर से
कब सए घायल हम हैं तेरी इस नज़र के तीर से।
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गर इशारा कर दो तुम जानो दिल कर दें फिदा
हल्फ़नामा ले लें वापस हम दिले जाग़ीर से।
प्रीतम राठौर
श्रावस्ती (उ०प्र०)