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7 May 2020 · 1 min read

समय

काश सब कर लिया होता समय से समय रहते।
वो समय बीत गया तो फिर हम आज न कहते।
जाने क्यों मुड़ गया रास्ता मंजिल के करीब से,
वक्त कहाँ थमता है दूर निकल गया बहते-बहते।
-शशि “मंजुलाहृदय”

Language: Hindi
3 Likes · 340 Views
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