समय
काश सब कर लिया होता समय से समय रहते।
वो समय बीत गया तो फिर हम आज न कहते।
जाने क्यों मुड़ गया रास्ता मंजिल के करीब से,
वक्त कहाँ थमता है दूर निकल गया बहते-बहते।
-शशि “मंजुलाहृदय”
काश सब कर लिया होता समय से समय रहते।
वो समय बीत गया तो फिर हम आज न कहते।
जाने क्यों मुड़ गया रास्ता मंजिल के करीब से,
वक्त कहाँ थमता है दूर निकल गया बहते-बहते।
-शशि “मंजुलाहृदय”