समय और जख्म
वक्त देता है हर जख्म को भर ,
उसका दर्द भी हो जाता है बेअसर ,
बस ! जरूरत है इंसा के हौंसले की ,
खुदा की रहती है उसपर नजर ।
वक्त देता है हर जख्म को भर ,
उसका दर्द भी हो जाता है बेअसर ,
बस ! जरूरत है इंसा के हौंसले की ,
खुदा की रहती है उसपर नजर ।