Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2021 · 1 min read

क्यों अधिकारी मस्त

जनता आखिर त्रस्त क्यों, क्यों अधिकारी मस्त।
क्यों ना बिजली हैं यहाँ, क्यों है हम सब पस्त।।
क्यों हैं हम सब पस्त, चले ना कोई चारा।
लेकर हमसे वोट, करें ना काम हमारा।।
करे कहाँ विश्वास, कहाँ पाए दुख हंता।
कौन करे ना चोट,समझ ना पाए जनता।।

✍️जटाशंकर”जटा”

2 Likes · 2 Comments · 575 Views

You may also like these posts

"नवांकुरो की पुकार "
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
दूर है जाना...
दूर है जाना...
Shveta Patel
शिक्षा हर मानव का गहना है।
शिक्षा हर मानव का गहना है।
Ajit Kumar "Karn"
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
*हमारे देवता जितने हैं, सारे शस्त्रधारी हैं (हिंदी गजल)*
*हमारे देवता जितने हैं, सारे शस्त्रधारी हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
प्रण होते है
प्रण होते है
manjula chauhan
टूटा दिल शायर तो ज़रूर बना,
टूटा दिल शायर तो ज़रूर बना,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
चार कंधों की जरूरत
चार कंधों की जरूरत
Ram Krishan Rastogi
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
मिल कर उस से दिल टूटेगा
मिल कर उस से दिल टूटेगा
हिमांशु Kulshrestha
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
sp53 दौर गजब का आया देखो
sp53 दौर गजब का आया देखो
Manoj Shrivastava
लघु कथा:सुकून
लघु कथा:सुकून
Harminder Kaur
Sharing makes you bigger than you are. The more you pour out
Sharing makes you bigger than you are. The more you pour out
पूर्वार्थ
आरती करुँ विनायक की
आरती करुँ विनायक की
gurudeenverma198
टूटे तारे
टूटे तारे
इशरत हिदायत ख़ान
पहाड़ी खाणू-धूम मचाणू!
पहाड़ी खाणू-धूम मचाणू!
Jaikrishan Uniyal
आंखों में हया, होठों पर मुस्कान,
आंखों में हया, होठों पर मुस्कान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* सखी  जरा बात  सुन  लो *
* सखी जरा बात सुन लो *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रतिभा का कितना अपमान
प्रतिभा का कितना अपमान
Acharya Shilak Ram
प्रिय मित्रों!
प्रिय मित्रों!
Rashmi Sanjay
कलयुग और रावण
कलयुग और रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
..
..
*प्रणय*
मययस्सर रात है रोशन
मययस्सर रात है रोशन
डॉ. दीपक बवेजा
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
"हाथों की लकीरें"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...