क्यों अधिकारी मस्त
जनता आखिर त्रस्त क्यों, क्यों अधिकारी मस्त।
क्यों ना बिजली हैं यहाँ, क्यों है हम सब पस्त।।
क्यों हैं हम सब पस्त, चले ना कोई चारा।
लेकर हमसे वोट, करें ना काम हमारा।।
करे कहाँ विश्वास, कहाँ पाए दुख हंता।
कौन करे ना चोट,समझ ना पाए जनता।।
✍️जटाशंकर”जटा”