Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2020 · 1 min read

‘ समझौता ‘

जया कपूरिया बड़े घर की सीधी सी लड़की बहुत अच्छे संस्कारों के साथ पली – बढ़ी और विवाह भी बड़े अरोड़ा परिवार में हुआ लेकिन ससुराल पिता से कमतर था । विवाह के बाद सास और पति की छोटी – छोटी बातों पर बेहद छोटी सोच से उसका मन आहत होने लगा ससुराल में उसको सामंजस्य बैठाने में मुश्किल हो रही थी….वो अभी भी अपने नाम के साथ कपूर ही लिख रही थी और ससुराल वालों की छोटी सोच के चलते पिता का ही उपनाम लिखने का मन बना लिया था । एक दिन एक हादसे में पिता के मौत की खबर ने जया को अंदर तक तोड़ दिया और उसने उसी वक्त समझौता कर लिया अपने नाम के साथ अरोड़ा लगाने का शायद नियति को यही मंजूर था ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 06/12/2020 )

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 271 Views
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

संघर्ष
संघर्ष
Sudhir srivastava
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
Neelofar Khan
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तुम साधना हो
तुम साधना हो
Pratibha Pandey
वीर नारायण
वीर नारायण
Dijendra kurrey
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ
मुकद्दर
मुकद्दर
Phool gufran
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
Jyoti Roshni
"गुलजार"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ामोश  दो किनारे   .....
ख़ामोश दो किनारे .....
sushil sarna
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुनिया रैन बसेरा है
दुनिया रैन बसेरा है
अरशद रसूल बदायूंनी
जज़्बात पिघलते रहे
जज़्बात पिघलते रहे
Surinder blackpen
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
Time never returns
Time never returns
Buddha Prakash
भलाई
भलाई
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कैसे मैं प्रणय गीत लिख जाऊँ?
कैसे मैं प्रणय गीत लिख जाऊँ?
कुमार अविनाश 'केसर'
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
"गानों में गालियों का प्रचलन है ll
पूर्वार्थ
मुझे हर वक्त बस तुम्हारी ही चाहत रहती है,
मुझे हर वक्त बस तुम्हारी ही चाहत रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
Kalamkash
Unrequited
Unrequited
Vedha Singh
- हम तो तेरे है तेरे ही रहेंगे -
- हम तो तेरे है तेरे ही रहेंगे -
bharat gehlot
कपट नहीं कर सकता सच्चा मित्र
कपट नहीं कर सकता सच्चा मित्र
Acharya Shilak Ram
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
Kshma Urmila
आंखों को मल गए
आंखों को मल गए
Dr fauzia Naseem shad
4147.💐 *पूर्णिका* 💐
4147.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...