Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2022 · 1 min read

समझे ये हमको

समझे ये हमको दुनिया
परवाह नहीं हमें ।
तुम बस हमारे हाल से
वाकिफ़ रहा करो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

"सब्र का आसमान"
Dr. Kishan tandon kranti
उकसा रहे हो
उकसा रहे हो
विनोद सिल्ला
खुद को भी
खुद को भी
Dr fauzia Naseem shad
चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)
चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
Neelofar Khan
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चाँद से वार्तालाप
चाँद से वार्तालाप
Dr MusafiR BaithA
हमारे दुश्मन सारे
हमारे दुश्मन सारे
Sonam Puneet Dubey
नारी
नारी
Dr Archana Gupta
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मन और मौन
मन और मौन
पूर्वार्थ
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
I want to hug you
I want to hug you
VINOD CHAUHAN
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
बारिश
बारिश
Rambali Mishra
थोड़ी थोड़ी शायर सी
थोड़ी थोड़ी शायर सी
©️ दामिनी नारायण सिंह
हर-सम्त शोर है बरपा,
हर-सम्त शोर है बरपा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
Suryakant Dwivedi
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
कहां याद कर पाते हैं
कहां याद कर पाते हैं
शिवम राव मणि
3344.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3344.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"शाम की प्रतीक्षा में"
Ekta chitrangini
#बेबस लाचारों का
#बेबस लाचारों का
Radheshyam Khatik
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
Smriti Singh
..
..
*प्रणय*
कुछ शब्द
कुछ शब्द
Vivek saswat Shukla
Loading...