“समझाइश “
“समझाइश ”
सबो झनला समझावथव गा भैया,
दारू के सेवन झन करहव जी।
दारू हावय नुकसान शरीर बर,
येला झन हाथ लगाहव जी।
जुआ ताश झन खेलहव गा भैया,
एकर हावय खुबे नुकसान गा।
जेकर पुरखा भीख नई मांगे ,
वहु लमावे हाथ जी।
….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी