समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
ज़नाब ये इश्क़ है साहिल को चूमकर आती है
✍️©’अशांत’ शेखर
11/02/2023
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
ज़नाब ये इश्क़ है साहिल को चूमकर आती है
✍️©’अशांत’ शेखर
11/02/2023