*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
We become more honest and vocal when we are physically tired
विषय: असत्य पर सत्य की विजय
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
परीक्षा का भय
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" गाड़ी चल पड़ी उसी रफ्तार से "
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*