सब बंदे पौधे रखे,
गुरुद्वारों की वाणियाँ, गूंजे यूं हर हाल !
सब बंदे पौधे रखे, होंगे तभी निहाल !!
●●●●●–
प्रियंका सौरभ
स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,
गुरुद्वारों की वाणियाँ, गूंजे यूं हर हाल !
सब बंदे पौधे रखे, होंगे तभी निहाल !!
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प्रियंका सौरभ
स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,