!!!! सब तरफ हरियाली!!!
शहर से चले गांव की ओर,
देखने खेत और खलिहान।
सब तरफ फैली है हरियाली,
देख मन में खिली मुस्कान।।
यह देखो है तालाब हमारा,
अभी भरा हुआ है आधा ।
बारिश की आस लगा रखी,
आधे से होगी फसलों में बाधा।।
जंगल में चलते चलते राह,
पहुंच गए पहाड़ी के पास।
असीम शांति मन को भाए,
दिन बन गया बहुत ख़ास।।
काम के बीच चुराकर कुछ लम्हे,
चले आते है हम अपने गांव।
आम नीम पीपल और बरगद की,
लेने हम सुकून भरी छांव।।
मिट्टी की सोंधी सोंधी महक,
खींच यहां मुझको लाती हैं।
ठंडी हवा जब तन को छूती,
मुझको फिर बहुत लुभाती हैं।।
—— जेपीएल