Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2023 · 1 min read

सब ठीक है

सब ठीक है
सब ठीक है, ये शब्द
इंसान के मन का सबसे बड़ा झूठ है।
आज कल सबको बोल रहा है
अपने मन का ना बोल पाने और ना बात पाने से डर से।

सब ठीक है, ये शब्द
एक दिखावा है, एक ढोंग है।
इंसान अपने अंदर की भावनाओं को छुपा रहा है
इस शब्द के पीछे।

सब ठीक है, ये शब्द
एक झूठ है, एक बेवकूफी है।
इंसान खुद से और दूसरों से झूठ बोल रहा है।

सब ठीक है, ये शब्द
एक बीमारी है, एक महामारी है।
जो इंसानों को एक-दूसरे से दूर कर रही है।

273 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
Raju Gajbhiye
कहानी-
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
3059.*पूर्णिका*
3059.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
Parvat Singh Rajput
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
एक रचयिता  सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
Dr.Pratibha Prakash
प्रेम.....
प्रेम.....
शेखर सिंह
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
मु
मु
*प्रणय*
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
कहां बिखर जाती है
कहां बिखर जाती है
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमने आवाज़ देके देखा है
हमने आवाज़ देके देखा है
Dr fauzia Naseem shad
" फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
PRATIK JANGID
पत्थर - पत्थर सींचते ,
पत्थर - पत्थर सींचते ,
Mahendra Narayan
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मात - पिता से सीख
मात - पिता से सीख
राधेश्याम "रागी"
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
पूर्वार्थ
வாழ்க்கை நாடகம்
வாழ்க்கை நாடகம்
Shyam Sundar Subramanian
मैं कीड़ा राजनीतिक
मैं कीड़ा राजनीतिक
Neeraj Mishra " नीर "
माँ दे - दे वरदान ।
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari
Narakasur Goa
Narakasur Goa
Sonam Puneet Dubey
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
क्या हैं हम...
क्या हैं हम...
हिमांशु Kulshrestha
Loading...