सब ठीक है
सब ठीक है
सब ठीक है, ये शब्द
इंसान के मन का सबसे बड़ा झूठ है।
आज कल सबको बोल रहा है
अपने मन का ना बोल पाने और ना बात पाने से डर से।
सब ठीक है, ये शब्द
एक दिखावा है, एक ढोंग है।
इंसान अपने अंदर की भावनाओं को छुपा रहा है
इस शब्द के पीछे।
सब ठीक है, ये शब्द
एक झूठ है, एक बेवकूफी है।
इंसान खुद से और दूसरों से झूठ बोल रहा है।
सब ठीक है, ये शब्द
एक बीमारी है, एक महामारी है।
जो इंसानों को एक-दूसरे से दूर कर रही है।