— सब को आगे आना जरुरी है —
??मेरी कलम से??
आज देश के अंदर के जो हालात सामने आ रहे हैं, उस को देखते हुए कहने पर हर इंसान मजबूर है, कि क्या देश को देखना पहला कर्तव्य है या अपनी गद्दी या कहो कि राजनीति की रोटियां सेकना बहुत आवश्यक है..जो फालतू के खर्च आज तक हर सरकार करती आ रही है, अपने सांसदों के लिए, अपने विधायको के लिए , उनको हर तरफ से सुख सुविधाए मुहईया करवा रही है..क्या वो बहुत जरुरी था…क्या नई संसद का निर्माण देश हित में था..क्या वो पैसे की बर्बादी नही है..क्या उस से आज जो आपदा आई है, उस धन से आसानी से निपटा नही जा सकता था..आज इंसान आक्सीजन के सिलेंडर लेकर सड़कों पर परेशां घूम रहा है, जैसे घर के खाने के लिए किसी वक्त परेशां हुआ करता था..
सत्यता तो यही है, कि आज जब हर मंदिर बंद पड़ा हुआ है, जहाँ पर अंध भक्तों ने बेशुमार धन, गहने दान दिए, उस का कितना उपयोग आज की आपदा में मंदिरों के द्वारा किया जा रहा है..सारे के सारे मंदिर अब अपने पट बंद कर के शांत बैठे हैं, किसी मंदिर ने कोई बीड़ा नहीं उठाया की, भारत में लोग परेशां हैं, तो हम भी उनकी मदद कर दें…नही…किसी को चिंता नही है, अगर चिंता है…जो जग जाहिर है.तो वो है गुरुद्वारों को..जिन्होंने लगातार इंसानों को बचाने के लिए लंगर तो लगाए ही, साथ ही साथ वेंटीलेटर, आक्सीजन की भी भरपूर व्यवस्था कर के सिक्ख कौम का नाम रौशन किया, श्री गुरु नानक देव जी ने इसी लिए कहा था, की बुरे आदमी एक जगह बैठ जाओ, और अच्छे आदमी सारे जगत में बिखर जाओ..यह अच्छाई का ही नतीजा है, जो आज सरदार सब के काम आ रहे हैं, फक्र है, बहुत नाज है हम को कि हमारे बाबा जी ने आज से वर्षों पहले ही, इंसान की नस को पकड़ के यह बात कह दी थी..उन्हें पता था, आने वाला समय कैसा होगा, और कौन किस के काम आएगा, क्या इन सरदारों के घर नही, क्या इनके अपने परिवार नही, क्या इनको बिमारी से डर नही लगता, क्या इन्होने ही ठेका उठा रखा है..बाकी सब क्या इनको फालतू समझ कर लूटखसूट के लिए आये हैं..लानत है ऐसे लोगों , जिन को इनको देख कर भी जरा सी लज्जा नही आई. पर मुझ को शर्म आ रही है…कि ऐसे हिन्दू और उनके मंदिरों के होने का क्या फायदा जो आपकी इंसानियत किसी के काम नही आई…अगर काम आई तो धन पर सांप की तरह कुंडली मार कर बैठने में आयी…साथ ही साथ फक्र है, कि मैं पंजाबी हु..और ऐसी सेवा भावना वाहेगुरु जी ने हम पंजाबिओं को भी सौंपी है..
इश्वर कल्याण करे, संसार पर आयी हुई घोर विपत्ति को जल्द दूर करे..यही प्रार्थना करता हूँ, हर घर स्वस्थ रहे, हँसता खेलता सब का आँगन भरा रहे…
अजीत कुमार तलवार
मेरठ